समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिए जाने से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने गुरुवार को लगातार तीसरे दिन सुनवाई की. इस बेंच की अध्यक्षता कर रहे प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बेहद अहम टिप्पणी करते हुए कहा, 'हम इन (समलैंगिक) संबंधों को एक बार का रिश्ता नहीं, बल्कि हमेशा के लिए टिके रहने वाले संबंधों के रूप में देखते हैं. जो ना सिर्फ शारीरिक बल्कि भावनात्मक रूप से मिलन भी है.'
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