बाल ह्रदय रोग विशेषज्ञ और रामा मेडिकल कॉलेज, हापुड़ में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ वीरेंद्र यादव कहते हैं कि बच्चों में सीएचडी यानि जन्मजात दिल की बीमारी के 85 प्रतिशत मामलों में बीमारी का कारण पता नहीं है. वहीं देश में सालाना इस बीमारी के साथ पैदा होने वाले ढाई लाख बच्चों में से सिर्फ 10-15 फीसदी को ही पर्याप्त इलाज मिल पाता है.
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